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#Narsingh_Jayanti_2021:By social worker Vanita Kasani Punjab# Bhagwan_Narasingh_'s story_pujan_vidhi_and_mantra: -Lord Narsingh Jayanti fast is observed on the Chaturdashi of the Shukla Paksha of Vaishakh month. This year 25 May 2021,

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#_महाराणा_राजसिंह_जी_के_इतिहास_का_भाग_21641 ई.कुँवर राजसिंह की मुगलों से पहली मुठभेड़महाराणा जगतसिंह ने अपनी माता जाम्बुवती बाई जी को गंगास्नान करने के लिए सोरभ जी की तरफ भेजा।महाराणा ने सुरक्षा खातिर अपने 12 वर्षीय पुत्र कुँवर राजसिंह को मेवाड़ी फौज की एक टुकड़ी समेत अपनी माता के साथ भेजा सोरभ जी पहुंचकर बाईजीराज जाम्बुवती बाई व कुँवर राजसिंह ने स्वर्ण के तुलादान किए इसके अलावा भी लाखों का धन दान किया और उदयपुर लौट आए। अपने तेज़ तर्रार बर्ताव के कारण इस सफ़र पर जाते वक़्त व लौटते वक़्त दोनों ही बार कुँवर राजसिंह रास्ते में आने वाली मुगल चौकियों पर बादशाही अफसरों से उलझते हुए आए बादशाही अफसरों ने कुँवर राजसिंह की शिकायत बादशाह शाहजहाँ से बहुत बढ़ा चढ़ाकर कर दी जिससे शाहजहाँ सख्त नाराज़ हुआ।1643 ई. कुँवर राजसिंह के ज़रिए महाराणा जगतसिंह का रक्षात्मक रवैया शाहजहाँ अजमेर ज़ियारत के बहाने महाराणा जगतसिंह को अपने रुतबे का एहसास कराने के लिए आया।महाराणा जगतसिंह ने बड़े युद्ध को टालने के लिए कुँवर राजसिंह को अजमेर में बादशाह के पास भेजा जोगी तालाब के निकट बादशाही डेरे में जाकर कुँवर राजसिंह ने शाहजहाँ को एक हाथी नज़र किया।शाहजहाँ ने ख़ुश होकर कुँवर राजसिंह को खिलअत सरपेच जडाऊ जम्धर घोड़ा व सोना दिया।कुँवर राजसिंह को विदाई के वक़्त बादशाह शाहजहाँ ने खिलअत, तलवार, ढाल, घोड़ा, हाथी व ज़ेवर दिए कुँवर राजसिंह के साथ आए मेवाड़ी सर्दारों को भी खिलअत घोड़े वगैरह देकर विदा किया।इसी वर्ष 30 अप्रैल को महाराणा कर्णसिंह के बेटे गरीबदास किसी नाराजगी के सबब से मेवाड़ छोड़कर बादशाह के पास चले गए जहां शाहजहाँ ने उनको 1500 जात व 700 सवार का मनसब व जागीर दी।1646 ई. शाहजहाँ ने बलख बदख्शां के प्रदेश पर फतह हासिल की जिसकी मुबारकबाद देने के लिए महाराणा जगतसिंह ने कुँवर राजसिंह को दिल्ली के बादशाही दरबार में भेजा कुछ दिन वहाँ रहकर कुँवर फिर से मेवाड़ लौट आए।27 अप्रैल, 1648 ई. "मुगलों से दोबारा मुठभेड़" कुंवर राजसिंह अपनी माता के साथ गंगा स्नान व तुलादान के लिए गोकुल, मथुरा, प्रयाग व सौरभजी गए इस दौरान 20 वर्षीय कुँवर राजसिंह की रास्ते में पड़ने वाली कई मुगल चौकियों पर तैनात मुगलों से मुठभेड़ हुई।#_____प्रथम_विवाह_____कुँवर राजसिंह का प्रथम विवाह बूँदी के राव शत्रुसाल हाडा की बड़ी पुत्री कुँवराबाई से तय हुआ इन्हीं राव की छोटी पुत्री का विवाह मारवाड़ के महाराजा जसवंत सिंह से इसी दिन व मुहूर्त पर तय हुआ।दोनों बारातें एक समय पर तोरण के लिए पहुंची तो दोनों तरफ से पहले तोरण बन्दाई को लेकर कहासुनी हो गई राव शत्रुसाल ने बीच में पड़कर सुलह करवाई व कुँवर राजसिंह को पहले तोरण बन्दाई का मौका मिला।अगले भाग में महाराणा राजसिंह के राज्याभिषेक के बारे में लिखा जाएगा पोस्ट लेखक वनिता कासनियां पंजाब जिला फाजिल्का ,

_महाराणा_राजसिं ह_जी_के_इतिहास_ का_भाग_ By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब 1641 ई.कुँवर राजसिंह की मुगलों से पहली मुठभेड़ महाराणा जगतसिंह ने अपनी माता जाम्बुवती बाई जी को गंगास्नान करने के लिए सोरभ जी की तरफ भेजा। महाराणा ने सुरक्षा खातिर अपने 12 वर्षीय पुत्र कुँवर राजसिंह को मेवाड़ी फौज की एक टुकड़ी समेत अपनी माता के साथ भेजा सोरभ जी पहुंचकर बाईजीराज जाम्बुवती बाई व कुँवर राजसिंह ने स्वर्ण के तुलादान किए इसके अलावा भी लाखों का धन दान किया और उदयपुर लौट आए।  अपने तेज़ तर्रार बर्ताव के कारण इस सफ़र पर जाते वक़्त व लौटते वक़्त दोनों ही बार कुँवर राजसिंह रास्ते में आने वाली मुगल चौकियों पर बादशाही अफसरों से उलझते हुए आए बादशाही अफसरों ने कुँवर राजसिंह की शिकायत बादशाह शाहजहाँ से बहुत बढ़ा चढ़ाकर कर दी जिससे शाहजहाँ सख्त नाराज़ हुआ। 1643 ई. कुँवर राजसिंह के ज़रिए महाराणा जगतसिंह का रक्षात्मक रवैया शाहजहाँ अजमेर ज़ियारत के बहाने महाराणा जगतसिंह को अपने रुतबे का एहसास कराने के लिए आया। महाराणा जगतसिंह ने बड़े युद्ध को टालने के लिए कुँवर राजसिंह को अजमेर में बादशाह के पास भेजा जोगी तालाब के...

Wine productionBy social worker Vanita Kasani PunjabRead in another languagedownloadTake careEditWine production refers to the process of producing wine (wine) which is used in grapes or other

मदिरा उत्पादन By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब किसी अन्य भाषा में पढ़ें डाउनलोड करें ध्यान रखें संपादित करें मदिरा उत्पादन  से आशय  मदिरा   ( शराब ) के उत्पादन की  प्रक्रिया  से है जो  अंगूरों  या अन्य सामग्रियों के चुनाव से शुरू होकर तैयार मदिरा को बोतलबंद करने के साथ समाप्त होती है। यद्यपि अधिकांश मदिरा अगूरों से बनायी जाती है, इसे अन्य फलों अथवा विषहीन पौध सामग्रियों से भी तैयार किया जा सकता है। मीड एक प्रकार की वाइन है जिसमें पानी के बाद शहद सबसे प्रमुख घटक होता है। अंगूर की वाइन. मदिरा उत्पादन को दो सामान्य श्रेणियों में बाँटा जा सकता है: स्टिल वाइन उत्पादन (कार्बनीकरण के बिना) और स्पार्कलिंग वाइन उत्पादन (कार्बनीकरण के साथ). मदिरा तथा वाइन उत्पादन के विज्ञान को ओनोलोजी के नाम से जाना जाता है (अमेरिकी अंग्रेजी में, एनोलोजी). प्रक्रिया संपादित करें एक अंगूर की संरचना, प्रत्येक दबाव से निकाले गए अंशों को दिखाया गया है। कटाई के बाद अंगूरों को एक वाइनरी में रखा जाता है और इन्हें शुरुआती फरमेंट (किण्वन) के लिए तैयार किया जाता है, इस स्तर पर रेड वा...

A cow is an important domestic animal that is found everywhere in the world. It provides good quality milk. Hindus call cow as 'Mata' (Gaumata). Its calves grow up and pull the car and play

जानिये माँ शेर पर ही क्यों विराजमान होती है?   By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब भक्तो की रक्षा करने एवं दुष्टो का विनाश करने के लिए माँ दुर्गा शेर पर विराजमान रहती है। माँ दुर्गा बुराइयो पर अच्छाई का प्रतीक है। शेर उग्रता तथा हिंसक प्रवर्ति का प्रतीक है । माँ दुर्गा सिंह पर सवार है जिसका अर्थ है उग्र और हिंसक प्रवर्तियों पर विजय प्राप्त करना ही शक्ति है। अधर्म पर नियंत्रण कर जब हम धर्म की राह पर चलते है तब भगवान् को पाना भी आसान हो जाता है। परमात्मा की शक्ति का प्रतीक देवी है। देवी की शक्ति के बिना तो भगवान् भी अधूरे है।  बाल वनिता महिला आश्रम धार्मिक कथाएं इस कथा के अनुसार एक बार माँ पार्वती ने भगवान् शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की । जिसके कारण माँ का रंग भी काला हो गया। यह तपस्या सफल हुई और माँ पार्वती ने भगवान् शिव को पति के रूप में प्राप्त किया । एक दिन  कैलाश पर्वत पर बैठे हुए भगवान् शिव ने पार्वती को ‘काली’ कह दिया जिसके कारण माँ क्रोधित होकर वहां से चली गयी तथा वन में जाकर कठोर तपस्या करने लगी। वन में माँ को खाने के लिए एक भूखा शेर भ...

What are the ways to reduce obesity in 2021?By social worker Vanita Kasani PunjabBe it 2021 or any year, the ways of reducing obesity are ever changing. So let's talk about ways to reduce obesity.

2021 में मोटापा घटाने के क्या तरीके हैं? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब 2021 हो या कोई भी साल मोटापा घटाने के तरीके कभी बदलते थोड़े हैं। तो आइए मोटापा घटाने के तरीकों के बारे में बात करते हैं।मोटापा कम करने के किए भोजन पर नियंत्रण बहुत आवश्यक हैं। भोजन की मात्रा और समय का शरीर पर बहुत प्रभाव पड़ता है। आवश्यकता से अधिक और असमय खाना मोटापा लाता है। इसलिए समय और खाना खाए और अत्यधिक नहीं खाए। खाने के तुरंत बाद कभी सोए नहीं। खाना खाने के बाद कुछ कदम अवश्य। जले। इससे खाने को पचने में आसानी होती है। जिससे मोटापा नहीं आता। खाने के बीचमे पानी ना पिएं। इससे मोटापा बढ़ता है। खाना खाने के आधा घंटे बाद पानी पिए। इससे भोजन अच्छे से पचता है। जिससे मोटापा नहीं आता। मोटापा काम करने के किए योगा और व्यायाम भी बहुत आवश्यक है। मोटापा काम करने के किए बहुत से व्यायाम हैं आप यूट्यूब पर आसानी से देख सकते हैं। व्यायाम को नित्य रूप से करने से मोटापा और अनावश्यक चर्बी कम हो जाती हैं। मोटापा काम करने के लिए आप Garcinia combogia का सेवन कर सकते हैं। यह वजन काम करने के किए काफी कारगर रहता हैं। इसके नियमित सेवन से ...

SitaShri Ram's wife, Mother 'Janaki' (Other name)By social worker Vanita Kasani PunjabRead in another languagedownloadTake careEditLearn moreThis article is primarily or wholly a

सीता श्री राम की पत्नी, माता 'जानकी' (अन्य नाम) By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब किसी अन्य भाषा में पढ़ें डाउनलोड करें ध्यान रखें संपादित करें Learn more यह लेख  मुख्य रूप से अथवा पूर्णतया  एक ही स्रोत  पर निर्भर करता है । कृपया इस लेख में उचित  संदर्भ  डालकर इसे बेहतर बनाने में  मदद करें । सीता'   रामायण  और रामकथा पर आधारित अन्य ग्रंथ, जैसे  रामचरितमानस ,  कंब रामायण  की मुख्य नायिका हैं । सीता मिथिला(सीतामढ़ी, बिहार) में जन्मी थी, यह स्थान आगे चलकर सीतामढ़ी से विख्यात हुआ। देवी सीता  मिथिला  के नरेश  राजा जनक  की ज्येष्ठ पुत्री थीं । इनका विवाह  अयोध्या  के नरेश  राजा दशरथ  के ज्येष्ठ पुत्र  श्री राम  से  स्वयंवर  में  शिवधनुष  को भंग करने के उपरांत हुआ था। इन्होंने स्त्री व पतिव्रता धर्म का पूर्ण रूप से पालन किया था जिसके कारण इनका नाम बहुत आदर से लिया जाता है। त्रेतायुग में इन्हें सौभाग्य की देवी लक्ष्मी का अवतार कहा गया है। [1] [2] [3] [4] [5] सीता सीता शक्त...